🌊 मिर्जापुर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, प्रशासन सतर्क
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| "गंगा नदी का बढ़ता जलस्तर, मिर्जापुर ओझला पुल के पास 2025 में बाढ़ की स्थिति" |
मिर्जापुर, 03 अगस्त 2025 (सुबह 8:00 बजे):
मिर्जापुर जनपद में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और अब यह खतरे के निशान से 17.6 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। आज सुबह 8:00 बजे ओझला पुल के पास गंगा का जलस्तर 77.900 मीटर दर्ज किया गया, जबकि खतरे का स्तर 77.724 मीटर तय है।
जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है, और यह हर घंटे औसतन 3.50 सेमी की दर से बढ़ रहा है। बीते 2 घंटों में 7 सेमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यदि यह रुझान जारी रहता है, तो अगले कुछ घंटों में स्थिति और गंभीर हो सकती है।
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📍 प्रमुख आँकड़े (महत्वपूर्ण जानकारी एक नजर में)
स्थिति आँकड़ा
अब तक का सर्वाधिक बाढ़ स्तर (09 सितम्बर 1978) 80.34 मीटर
पिछले वर्ष अधिकतम स्तर (17 सितम्बर 2024) 76.530 मीटर
चेतावनी स्तर 76.724 मीटर
खतरे का स्तर 77.724 मीटर
वर्तमान जलस्तर (03 अगस्त 2025) 77.900 मीटर
खतरे के स्तर से ऊपर +17.6 सेंटीमीटर
जलस्तर वृद्धि दर 3.5 सेमी/घंटा
पिछले 2 घंटे में वृद्धि 7 सेमी
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🛑 खतरे की स्थिति – नगर निगम की चेतावनी
नगर निगम मिर्जापुर की ओर से सार्वजनिक चेतावनी जारी की गई है, जिसमें सभी नागरिकों को सतर्क रहने, नदी के किनारे जाने से बचने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है। विशेषकर सदर तहसील और चुनार तहसील के तटवर्ती गांवों में स्थिति चिंताजनक है।
❗ प्रभावित क्षेत्र:
सदर तहसील के दरीपट्टी, रामघाट, कछवां रोड और तिवरपुर
चुनार क्षेत्र के आदालहाट, भटहरिया और बरामनी
इन क्षेत्रों में नदी का पानी घरों और खेतों तक पहुंचने लगा है, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
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🌧️ बरसात और विंध्य क्षेत्र में स्थिति
विंध्य क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है। पहाड़ी इलाकों में तेज बहाव और नालों के उफान के कारण कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति बन गई है। प्रशासन द्वारा निचले इलाकों में राहत कैंप, नाव और आपदा प्रबंधन टीमों की तैनाती की जा रही है।
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📢 प्रशासन की तैयारी और अपील
जिलाधिकारी मिर्जापुर ने बताया कि:
> “स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। SDRF और स्थानीय प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। सभी प्रभावितों से अनुरोध है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।”
साथ ही, हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं ताकि आपात स्थिति में त्वरित सहायता मिल सके।
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🚨 सावधानी और सुझाव
नदी के किनारे या पानी से भरे इलाकों में न जाएं।
बच्चों और बुजुर्गों को सतर्क रखें।
बिजली के उपकरणों से सावधान रहें – शॉर्ट सर्किट का खतरा।
पशुओं को ऊंचे स्थानों पर ले जाएं।
जरूरत पड़ने पर प्रशासन से संपर्क करें।
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🧭 निष्कर्ष: क्या करें?
मौजूदा हालात को देखते हुए, अगले 24–48 घंटे निर्णायक हो सकते हैं। गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है और खतरे के ऊपर बह रही है। प्रशासन की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है, लेकिन व्यक्तिगत सतर्कता सबसे महत्वपूर्ण है।
यदि आप गंगा नदी के आसपास के क्षेत्र में रहते हैं, तो कृपया सतर्क रहें और प्रशासन की सलाहों का पालन करें।
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🔖 Quote (उद्धरण):
> “प्राकृतिक आपदाओं से बचाव तभी संभव है, जब हम पहले से सतर्क और तैयार हों।”
⚠️ Disclaimer (अस्वीकरण):
यह रिपोर्ट सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़ों और प्रशासनिक सूचनाओं के आधार पर तैयार की गई है। जलस्तर में बदलाव निरंतर हो सकता है। कृपया स्थानीय प्रशासन और सरकारी एजेंसियों द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। हमारी वेबसाइट किसी प्रकार की आपदा में ज़िम्मेदार नहीं होगी।
